वसुंधरा राजे के एकछत्र राज से बाहर निकलने की कोशिश में भाजपा, ये दो नेता हुए राजस्थान में सक्रिय

जयपुर: राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस दोनों की दलों में टकराव की स्थिति बार-बार देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां गहलोत सरकार की नियुक्तियों को लेकर पायलट गुट नाराज है। वहीं भाजपा में एक ओर राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक तो दूसरी ओर भाजपा में उनका ही विरोधी खेमा मौजूद है। ऐसे में बार-बार होने वाले टकराव ने भाजपा पार्टी की चिंता बढ़ती जा रही है।

हालात यह है कि पार्टी को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के एकछत्र प्रभाव से बाहर निकालने की कोशिशों के बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की राज्य में सक्रियता लगातार बढ़ रही है। आपकों यह बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ दिसंबर-2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्तमान में राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार है लेकिन उसमें आये दिन कुछ न कुछ टकराव की खबरें आ रही है। जिसका लाभ आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिल सकता है।

इन सबके बीच भाजपा को अपने ही घर की चिंता सता रही है। राजस्थान में बीते दो दशकों से वसुंधरा राजे पार्टी की एकक्षत्र नेता हैं। उनका यह राज केन्द्रीय नेतृत्व को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में पार्टी राजस्थान में दूसरे नेताओं को उभारने की कोशिशें कर रही है लेकिन वसुंधरा के सामने नेता टिक नहीं पा रहे है। आठ मार्च को वसंधुरा राजे अपना जन्मदिन मना रही है। ऐसे में जन्मदिन कम शक्ति प्रदर्शन ज्यादा लग रहा है। बकायदा इसे लेकर कई नेताओं के बयान भी आ चुके है।

राजस्थान भाजपा में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लगातार राजस्थान में सक्रिय रखा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के मामलों में आगे दिखाई दे रहे है। वह संसदीय क्षेत्र कोटा के अलावा अन्य जिलों में भी केन्द्र की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जा रहे है। भाजपा इन्हे भविष्य के नेताओं के रूप में उभार रही है।

हालांकि अभी यह तयक नहीं है कि अगले विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की भूमिका क्या होगी। लेकिन वसुंधरा खेमा पूरे जोश और ताकत से विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। अबवसुंधरा राजे के जन्मदिन एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन मौका भी बनाने की कोशिश में है। जिससे अन्य नेताओं को वसुंधरा राजे की ताकत का एहसास कराया जा सकें। कुल मिलाकर राजस्थान भाजपा खेमे में भी सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।

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