राज्य के पेंशनरों के लिए बड़ी राहत: पेंशन पुनरीक्षण की समय सीमा समाप्त
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। पेंशन पुनरीक्षण (रिविजन) की प्रक्रिया के लिए समय सीमा की बाध्यता को अब समाप्त कर दिया गया है, जिससे उन पेंशनरों को राहत मिलेगी जो अब तक पुनरीक्षण नहीं करा पाए हैं। राज्य सरकार ने इस कदम के साथ पेंशन और पारिवारिक पेंशनरों के लिए जरूरी औपचारिकताओं को सरल बना दिया है।
समय सीमा की बाध्यता खत्म
उत्तराखंड कोषागार पेंशन एवं हकदारी विभाग के निदेशक, श्री दिनेश चंद्र लोहनी ने जानकारी दी कि अब पेंशनर अपने विभाग के माध्यम से पेंशन पुनरीक्षण का फॉर्म संबंधित कोषाधिकारी या उपकोषाधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। पहले, पेंशन पुनरीक्षण के लिए आखिरी तिथि 30 सितंबर 2023 निर्धारित की गई थी, लेकिन अब 3 सितंबर 2024 को जारी किए गए शासन के पत्र के अनुसार, इस समय सीमा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
2018 के शासनादेश का पालन
2018 में जारी शासनादेश के तहत, राज्य सरकार के उन पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन का पुनरीक्षण सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत 1 जनवरी 2016 से पहले किया जाना था। यह प्रक्रिया डीडीओ द्वारा ऑनलाइन तैयार कर प्रमाणित की जाती थी और कोषागार में भेजी जाती थी। इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च 2019 रखी गई थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाकर 30 सितंबर 2023 कर दिया गया था।
पेंशनरों को मिलेगी राहत
इस निर्णय से वे पेंशनर, जो किन्हीं कारणों से अपनी पेंशन का पुनरीक्षण नहीं करा पाए थे, अब बिना किसी समय सीमा के इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। पेंशनरों को अब अपने संबंधित विभाग के माध्यम से पुनरीक्षण फॉर्म कोषागार में जमा करना होगा, जिससे उन्हें अपने पेंशन में आवश्यक सुधार मिल सकेगा। यह कदम पेंशनरों के हित में उठाया गया है, ताकि किसी को भी समय सीमा के कारण परेशानी का सामना न करना पड़े।
सरकार की पहल का स्वागत
राज्य के पेंशनरों और उनके परिवारों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। यह निर्णय उन्हें वित्तीय सुरक्षा और भविष्य में पेंशन सुधार की प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने में मदद करेगा। पेंशनर संगठनों ने भी इस फैसले को सराहा है, क्योंकि इससे उन लोगों को राहत मिलेगी, जो तकनीकी या अन्य कारणों से समय पर पुनरीक्षण नहीं करा पाए थे।