मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर ठेकेदारों की हड़ताल समाप्त, 15 बिंदुओं पर हुआ महत्वपूर्ण निर्णय
देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार शुक्रवार को सचिव, मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल आयुक्त डॉ. विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में देवभूमि ठेकेदार कल्याण समिति उत्तराखण्ड के साथ बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में लोक निर्माण विभाग के विभिन्न अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में ठेकेदार संघ द्वारा प्रस्तुत 11 बिंदुओं के मांगपत्र पर विस्तृत चर्चा की गई। ठेकेदार संघ ने बैठक के दौरान एक अतिरिक्त बिंदु शामिल किया, जिससे कुल 15 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया। इन निर्णयों के बाद ठेकेदार संघ ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है।
ठेकेदारों को मिलेगी कार्य का बढ़ता अवसर
बैठक में लिए गए निर्णयों में निविदाओं के आकार में परिवर्तन का सुझाव शामिल है। छोटे ठेकेदारों को अधिक कार्य प्राप्त करने के लिए फेज 1 और 2 के कार्यों को छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाएगा। इसके अलावा, डामरीकरण के कार्यों को भी विभाजित कर निविदा आमंत्रित की जाएगी। ठेकेदार संघ द्वारा सिंगल बिड की सीमा ₹1.5 करोड़ से बढ़ाकर ₹3 करोड़ करने की मांग को भी स्वीकार किया गया है।
लंबित भुगतानों का निस्तारण और पंजीकरण प्रक्रिया में सरलता
बैठक में लंबित भुगतानों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का निर्णय लिया गया है, विशेष रूप से आपदा एवं अनुरक्षण मद के अंतर्गत। सिक्योरिटी डिपॉजिट के लंबित मामलों के निस्तारण के लिए गठित समिति की संस्तुतियों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ठेकेदार संघ की मांगों पर भी सकारात्मक विचार किया जाएगा, जिसमें स्थायी टेक्निकल स्टाफ की अनिवार्यता को समाप्त करने पर चर्चा होगी।
सुरक्षा और बीमा कवरेज में वृद्धि
इसके अलावा, बैठक में आपदा कार्यों में लगी मशीनरी और श्रमिकों को बीमा कवरेज देने पर भी सहमति बनी है। ठेकेदारों के अनुभव की सीमा को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10-15 वर्ष करने का भी प्रस्ताव है। ठेकेदारों के बैठने के लिए प्रत्येक कार्यदायी खंड में स्थान चिन्हित किया जाएगा। इन सभी निर्णयों से राज्य के ठेकेदारों को राहत मिलेगी और उनके कार्यों को गति मिलेगी। बैठक में लिए गए निर्णयों की व्यावहारिकता सुनिश्चित करने के लिए विभागीय एवं शासन स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।