पढ़ो और पढ़ाओ : यूजीसी का स्नातक के छात्रों को आदेश, नई शिक्षा नीति के अंदर पांच लोग करने होंगे साक्षर

नई दिल्ली: देश भर में नई शिक्षा नीति 2022, शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए लागू करने के निर्देश पारित कर दिए गए हैं। इस ही के अंतर्गत शिक्षा नीति में काफी फेरबदल भी देखने को नज़र आए हैं। वहीं अब यूजीसी ने 27 जनवरी को प्रकाशित किए गए अपने एक विज्ञापन में प्रौढ़ शिक्षा अभियान के लिए बेहतरीन निर्णय लिया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचार्यों के लिए पत्र जारी किया है। इस पत्र में कुलपतियों औऱ प्राचार्यों के लिए आदेश जारी करते हुए यूजीसी ने कहा है कि डिग्री कॉलेज से बीए, बी.कॉम या बी.एस.सी करने वाले विद्यार्थियों को अगले शैक्षिक सत्र से पांच वयस्कों को साक्षर करना अनिवार्य होगा। यह कार्य उन्हें असाइनमेंट या प्रोजेक्ट वर्क के अंतर्गत करना होगा।

नई शिक्षा नीति के तहत यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय जिनके भी पास प्रौढ़ शिक्षा या सतत शिक्षा के विभाग या केंद्र होने की सुविधा है, उन्हें अपने स्नातक स्तर के छात्रों द्वारा हर वर्ष में कम से कम पांच निरक्षरों को पढ़ाने का आदेश जारी किया है। छात्रों के प्रोत्साहन के लिए आगे चल कर विधि स्तर पर उनके लिए प्रमाणपत्र भी जारी किया जा सकता है।   

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन द्वारा बताया गया कि 100% साक्षरता हासिल करने के उद्देशय से इस प्रोग्राम को कॉलेजों में प्रस्तावित किया जा रहा है। उनके अनुसार शिक्षण संस्थानों का शिक्षण और अनुसंधान के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों की तरफ भी दायित्व बनता है।

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