“थान सिंह की पाठशाला”:गरीबी से निकलकर बने कॉन्स्टेबल, अब संवार रहे हैं गरीब बच्चों की तकदीर

नई दिल्ली:–गरीबी से निकल कर सफलता की मंजिल हासिल करने की काफी कहानियां हम सभी ने सुनी है। अपनी मेहनत और दृढ़ विश्वास के दम पर बहुत लोगों ने अपनी किस्मत से गरीबी की रेखा मिटा दी। लेकिन इनमें से बहुत कम ऐसे लोग देखने को मिलेंगे जिन्होंने कामयाब होने के बाद उन लोगों के बारे में सोचा जो आज उसी गरीबी में जी रहे हैं जहां कभी पहले वो रहा करते थे।


ऐसे ही चुनिंदा लोगों में एक नाम थान सिंह का भी है। उनके माता-पिता लोगों के कपड़ों पर इस्त्री कर अपना घर चलाते थे। बचपन में उनका जीवन भले ही कितनी ही गरीबी में गुजरा हो पर आज अपनी मेहनत के दम पर थान सिंह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। गरीबी और मजबूरियों की दीवार को पीछे धकेलते हुए कॉन्स्टेबल बनना जितनी बड़ी बात है उससे कई गुना बड़ी बात उनके द्वारा की जा रही समाज सेवा है। हमारे देश में ऐसे ना जाने कितने बच्चे हैं जो भले ही गरीब है पर पढ़ाई को ले कर इनकी शिद्दत में कोई कमी नहीं, जरूरत अगर है तो बस ऐसी नजर कि जो उन्हें सही रास्ता दिखा सके। गरीबी से उठकर सफलता के कदम चुनने वाले थान सिंह जानते थे कि इन बच्चों को सही रास्ता दिखाना और सही पथ पर चलाना कितना जरूरी है। इसलिए अपने जीवन में सफलता पाने के बाद उन्होंने ये दृढ़ निश्चय कर लिया कि वह झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों की जिंदगी संवारेंगे।


इसी कोशिश में उन्होंने थान सिंह की पाठशाला नाम से एक स्कूल की शुरुआत की। दिल्ली में लाल किला के समीप साईं बाबा के छोटे से मंदिर के निकट थान सिंह ने भी अपने द्वारा विद्या का एक मंदिर स्थापित किया है, जिसे उन्होंने थानसिंह की पाठशाला नाम दिया।


2016 में जब थान सिंह ने अपने इस अनोखे स्कूल की शुरुआत की थी तब उनके पास मात्र 4 बच्चे पढ़ने आते थे मगर मौजूदा समय में थान सिंह की पाठशाला में 60 बच्चे पढ़ते हैं। थान सिंह बच्चों को केवल पढ़ाने का ही काम नहीं करते, बल्कि इसके साथ वह उन्हें किताबें, कॉपी व स्टेशनरी का सामान भी उपलब्ध करवाते हैं। दूर से आने में बच्चों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए थान सिंह ने उनके लिए ई-रिक्शा का प्रबंध भी किया हुआ है। ये उनकी नेक सोच और मेहनत का ही नतीजा है कि आज मजदूरी करने वाले से लेकर कचरा बीनने वाले तक 31 बच्चों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिला मिल चुका है।


आज के इस वक्त पर समाज में तथाकथित पिछड़े वर्गों पर सवाल उठाने वाले कई लोग मिल जाते हैं पर ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो उनके बीच आकर उनकी किस्मत सवारने का काम करते हैं।थान सिंह के इस नेक काम को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपने साप्ताहिक पॉडकास्ट कार्यक्रम ‘किस्सा खाकी का’ के एक एपिसोड में उनकी कहानी भी सुनाई है।

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