धोनी से पहले डेब्यू करने वाले दिनेश कार्तिक, पाकिस्तान के खिलाफ मैच जिताऊ पारी को भूले फैंस

Dinesh Kartik Story: Mohali Test: India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के मुकाबले कई कारणों से याद किए जाते हैं। पाकिस्तान टीम अब तो भारत खेलने आती नहीं है लेकिन एक वक्त था, जब दोनों देशों के बीच लगातार क्रिकेट मैच सीरीज खेली जाती थी। जैसे 2004 में भारत पाकिस्तान गया तो फिर 2005 में पाकिस्तान भारत आया फिर 2006 में भारत पाकिस्तान गया और फिर 2007 में पाकिस्तान भारत आया। साल 2007 में दोनों देशों के बीच आखिरी बार टेस्ट मैच खेला गया था।

मोहाली टेस्ट याद करते हैं

चलिए मुद्दे पर आते हैं। इस लेख में बात उस मैच की करेंगे जो सचिन को गलत आउट दिए जानें, कुंबले के एक पारी में 7 विकेट लेने और राहुल द्रविड के दोनों पारियों में शतक के लिए याद किया जाता है। मुकाबला मोहाली में 16 मार्च से 20 मार्च 2005 तक खेला गया। इतना सब याद है लेकिन एक खिलाड़ी की मैच जिताऊ पारी याद नहीं है। नाम है दिनेश कार्तिक… जी हां टेस्ट में दिनेश कार्तिक ने 2004 में डेब्यू किया था। ये सीरीज़ कार्तिक के करियर के शुरुआती दिनों में खेली गई थी। मोहाली टेस्ट में कार्तिक के बल्ले से पहला अर्धशतक निकला था।

भारत-पाकिस्तान का वो मैच

भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करते हुए 407 रन बनाए। पहली पारी में भारत के लिए विरेंद्र सहवाग ने 81, सचिन तेंदुलकर ने 52 और सबसे बड़ी पारी राहुल द्रविड ने खेली। भारत के तत्कालीन उपकप्तान ने 222 गेंदों में 110 रन बनाए थे। जिसमें एक छक्का भी शामिल था और चौके तो 9 मारे थे।

भारत ने 407 रन बनाए और पाकिस्तान ने 393 रन बनाए। मतलब मुकाबला कांटे का हो रहा था। पाकिस्तान के लिए युसुफ खान ने 147 और मोहम्मद युसुफ ने 104 रन बनाए। भारत के लिए गेंदबाजी में अनिल कुंबले ने 3 विकेट झटके थे। दूसरी ओर हरभजन सिंह , बालाजी और पठान ने 2-2 विकेट हासिल किए थे।

दूसरी पारी में कार्तिक का बल्ला चल गया

दूसरी पारी में भारत ने भारत ने दूसरी पारी में 23 रन दो विकेट खो दिए थे। 52 रन बनाकर सचिन भी आउट हुए और उन्हें खराब अंपायरिंग के चलते मैदान छोड़ना पड़ा था। वेस्टइंडीज के अंपायर स्टिव बकनर ने उन्हें गलत आउट दिया था, जिसका वीडियो आप यूट्यूब पर देखेंगे तो सिर पकड़ लेंगे। 156 रन तक आते -आते भारतीय टीम ने 4 विकेट खो दिए थे। राहुल द्राविड के साथ कोई बड़ा बल्लेबाज नहीं बचा था। बल्लेबाजी करने उतरते हैं दिनेश कार्तिक, घरेलू क्रिकेट में तो पहचान थी लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में उसे बनाना था। पार्थिव पटेल का प्रयोग हो गया था और टीम आगे देख रही थी। कार्तिक ने इस पारी से सभी को खुश कर दिया। उन्होंने 140 गेंदों में 93 रन बनाए। कार्तिक और द्रविड के बीच पांचवे विकेट के लिए 165 रनों की साझेदारी हो गई। द्रविड ने मुकाबला का दूसरा शतक जड़ा। भारत ने दूसरी पारी में 407 रन बनाए और पाकिस्तान को जीत के लिए 422 रनों का लक्ष्य मिला। जवाब में पाकिस्तान की टीम 226 रन ही बना पाई। भारत ने मैच को 195 रनों से जीत लिया। कार्तिक की पारी देख कहा जाने लगा कि टीम को पहला विकेटकीपर बल्लेबाज मिल गया है क्योंकि उस वक्त विकेटकीपर को बल्लेबाज के रूप में कम देखा जाता था।

कार्तिक को पहचान मिली लेकिन कद नहीं

दिनेश कार्तिक भारत के उन खिलाड़ियों में से हैं जो घरेलू क्रिकेट और लीग में कमाल करते हैं लेकिन इस प्रतिभावान खिलाड़ी को मानों इंटरनेशनल में नजर लग जाती है। कुछ ही पारियां कार्तिक ने इंटरनेशनल क्रिकेट में खेली होगी जो फैंस को याद होगी। हालांकि आईपीएल और तमिलनाडू के लिए वो मैच जिताने का काम बार-बार करते हैं। शायद विकेटकीपर होने की वजह से कार्तिक हर वक्त मुख्य खिलाड़ी के बजाय विकल्प के रूप में जगह बना पाए। कई क्रिकेट फैंस कहते हैं कि शायद कार्तिक को अधिक मौके मिलते तो वो कुछ अलग कर पाते। वो टीम से अंदर बाहर होते रहे।

कार्तिक ने भारत के लिए 2004 में डेब्यू किया था। वो 180 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं लेकिन बल्ले से केवल एक शतक और 17 फिफ्टी निकली। करियर को उड़ान क्यों नही मिली… ये तो कार्तिक ही बता सकते हैं क्योंकि आंकड़े तो यही कहते हैं कि ये नंबर खास नहीं हैं पर हम ये कहेंगे कि ये खिलाड़ी सच में खास है।

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