आदि कैलाश यात्रियों का सफल रेस्क्यू: मुख्यमंत्री धामी की निगरानी में हेलीकॉप्टर से बचाव, अवरुद्ध मार्ग जल्द होंगे सुचारू
देहरादून:- हाल ही में आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर तवाघाट के पास भारी बारिश और भूस्खलन के कारण फंसे यात्रियों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसएसबी, उत्तराखंड पुलिस और चिपसम एविएशन कंपनी ने युद्धस्तर पर अभियान चलाकर यात्रियों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। नारायण आश्रम में रुके यात्रियों को भी जल्द ही हेलीसेवा के माध्यम से सुरक्षित निकालने की योजना है। मुख्यमंत्री ने इस पूरे अभियान की खुद निगरानी की और विभिन्न एजेंसियों के समन्वयपूर्ण प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि देश-विदेश के यात्री सुरक्षित माहौल में यात्रा कर सकें।
भूस्खलन से बाधित हुआ यात्रा मार्ग, त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन
13 सितंबर को भारी बारिश के कारण आदि कैलाश यात्रा मार्ग तवाघाट के पास चैतलधार और अन्य स्थानों पर भूस्खलन की वजह से अवरुद्ध हो गया था। इस घटना के कारण तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली से आए यात्रियों का एक बड़ा दल अलग-अलग स्थानों पर फंस गया। पंजाब और दिल्ली के यात्रियों का एक समूह खेला में फंस गया, जबकि तमिलनाडु के 30 यात्री बूदी में फंस गए थे। मुख्यमंत्री श्री धामी को जैसे ही यात्रियों के फंसे होने की जानकारी मिली, उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव को तत्काल युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान शुरू करने और हेलीकॉप्टर सेवा द्वारा यात्रियों को निकालने के निर्देश दिए। रविवार को खेला से 10 यात्रियों को धारचूला के सेना हेलीपैड पर सुरक्षित लाया गया, हालांकि इस दल के एक यात्री, स्वदेश नंदचहल की स्वास्थ्य खराब होने के कारण दुखद मृत्यु हो गई।
मार्ग बहाली और अन्य प्रयासों पर जोर
रेस्क्यू अभियान के सफल समापन के बाद, प्रशासन का ध्यान अब मार्ग की बहाली पर है। स्थानीय प्रशासन ने जानकारी दी है कि अगले दो से तीन दिनों के भीतर यात्रा मार्ग को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा। चैतलधार में हुए भूस्खलन के कारण काफी मलबा जमा हो गया है, जिसे हटाने के लिए बीआरओ की टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश के अन्य अवरुद्ध मार्गों को भी शीघ्रता से खोलने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पिछले 24 घंटों में लगभग 60 अवरुद्ध मार्गों को खोल दिया गया है और शेष मार्गों को भी जल्द ही खोलने का कार्य जारी है। वहीं, सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन इस पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और सोमवार को प्रदेशभर में अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए अधिकारियों की एक बैठक भी आहूत की गई है, जिसमें सड़कों को खोलने की संभावित तिथियों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।