चीन से लड़ाई में शहीद हुए नायक दीपक सिंह, अब पत्नी बनी सेना में लेफ्टिनेंट

नई दिल्ली: संसार में नारी भगवान की सबसे खूबसूरत रचना मानी जाती हैं। इसमें कोई शक नहीं की बिना औरत के समाज कि कल्पना करना आंतकित है। हिन्दू धर्म में नारी के स्वरूप की देवी समान आराधना की जाती है। आज भी पिृतसत्तात्मक सोच ये मानती है कि पुरषों की तुलना में औरत की देह और बनावट कमज़ोर है लेकिन इस मिथ्य को मध्यप्रदेश की रहने वाली रेखा सिंह ने गलत कर दिखाया है। पति के शहीद हो जाने के बाद रेखा ने सेना में अफसर बन पति तथा देश के लिए प्रेम भाव को वयक्त किया है।

नायक शहीद दीपक सिंह गलवान घाटी में दुशमनों से लड़ते हुए देश को समर्पित हो गए थे। अपने पति की इसी शहादत से प्रेरित होकर शहीद की पत्नी रेखा सिंह ने भी फौज में कदम रखने की ठानी और लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त हो गई ।

वीर चक्र पुरस्कार विजेता शहिद दीपक सिंह 15 जून साल 2020 में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ झड़प के दौरान शहीद हो गए। वो अपने पीछे पत्नी और परिवार को छोड़ गए। अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाते हुए रेखा ने सशस्त्र बल में जाने का फैसला किया और वह कामयाब भी हुई ।

रेखा बताती हैं कि पहले वह एक स्कूल शिक्षिका थी। शादी के महज 15 महीनों बाद जब उन्होंने अपना सुहाग खो दिया तो उनकी जिन्दगी में जैसे गमों का बादल फूट पड़ा । कठोर स्थिति से उभरते हुए पति की शहादत और देशभक्ति की भावना ने उन्हें भारतीय सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।

इसके बाद वह अपनी नौकरी छोड़ कर सेना में भर्ती की तैयारी करने लगी और अपने मुकाम तक पहुंची । दीपक सिंह को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था। अब इसी दिशा में रेखा भी बहादुरी की मिशाल बनने के लिए आगे बढ़ रही है ।

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