हरियाणा सरकार ने लौटाई कश्मीरी पंडितों के चेहर पर मुस्कान, 182 परिवारों को दी जमीन

चंडीगढ़। हरियाणा में तीन दशक लंबे इंतजार के बाद कश्मीरी पंडित परिवारों को जमीन का हक मिल गया। गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें भूखंड आवंटित करने के लिए श्वचनपूर्ति योजना की घोषणा कर उनके इंतजार को खत्म कर दिया। जिसके बाद कश्मीरों पंडित परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी। कश्मीरी पंडितों ने वर्ष 1991 और 1993 के बीच हरियाणा के झज्जर में जमीन खरीदी थी। जिसके बाद अब खट्टर सरकार ने 182 परिवारों में से कुछ को सेक्टर 2, बहादुरगढ़ स्थित भूखंडों के आवंटन पत्र सौंपे।

इस मौके पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है। वर्ष 1991 और 1993 के दौरान जमीन खरीदने वाले कश्मीरी पंडितों के परिवारों इंतजार खत्म हो गया है। 30 वर्षों में उन्होंने विवादित स्थिति बताए बिना अपनी जमीन पाने की उम्मीद भी खो दी होगी, जो उन्हें बेची गई थी। लेकिन अब उनके चेहरे पर मुस्कान लौटी है।

सीएम खट्टर ने कहा कि 182 परिवारों को पत्र वितरित किए गए हैं। कुछ परिवारों को उनके भूखंड पहले ही मिल चुके हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 209 परिवारों से किए गए वादों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वादे निभाये है। बता दे कि हरियाणा सरकार पर यह आरोप लगाता रहा है कि वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य में कश्मीरी पंडित परिवारों को 5000 रुपये की वित्तीय सहायता रोक दी है।

सीएम खट्टर ने इस आरोप को निराधार बताया कहा कि विपक्ष कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म द कश्मीर फाइल्स की सफलता को पचा नहीं पा रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि करीब दो माह पहले कश्मीरी पंडितों के एक दल नेे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने बहादुरगढ़ एस्टेट अधिकारी श्वेता सुहाग से इस मामले को देखने के लिए कहा था। इस दौरान सुहाग ने सभी तकनीकी बाधाओं को दूर करने को कहा। जिससे जमीन दिये जाने का मार्ग खुल सकें।

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