परेड ग्राउंड में धूमधाम से मना दशहरा, मुख्यमंत्री धामी ने दिया सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित रखने का संदेश
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज परेड ग्राउंड में आयोजित दशहरा महोत्सव में हिस्सा लिया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी को दशहरे की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दशहरा सत्य की असत्य पर, धर्म की अधर्म पर और न्याय की अन्याय पर विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग है, जो भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों का स्मरण कराता है।
सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि रावण के अहंकार ने उसकी लंका को जलाकर खाक कर दिया, यह घटना जीवन में विनम्रता और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम त्याग, समर्पण और कर्तव्य के प्रतीक हैं, जिनका आदर्श जीवन हमें विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना सिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि दशहरा सिर्फ त्योहार नहीं है, बल्कि अपने भीतर की बुराइयों का त्याग कर सत्य और मानवता के मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का दिन है।
रामायण की धरोहरों को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रामायण से जुड़ी घटनाओं और स्थलों की सांस्कृतिक महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि चमोली के द्रोणागिरी पर्वत से हनुमान जी संजीवनी लेकर आए थे और ऋषिकेश में वशिष्ठ मुनि की तपस्थली स्थित है। मुख्यमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण को सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि जल्द ही उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का निर्माण वहां किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि पौलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी का नाम बदलकर “सीतावनी वाइल्डलाइफ सेंचुरी” रखा गया है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को सुरक्षित रखने के संकल्प के साथ कहा कि राज्य में किसी भी तरह के जनसांख्यिकी बदलाव को सहन नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, सविता कपूर और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।