मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘ग्लोबल समिट-2024’ में की भागीदारी, आध्यात्मिकता और स्वच्छ समाज के निर्माण पर दिया जोर

राजस्थान: राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘ग्लोबल समिट-2024’ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विशेष रूप से भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित विद्वानों और महानुभावों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, जहां हर कण में शंकर का वास है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड केवल प्राकृतिक सुंदरता का धनी नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश-विदेश से लोग यहाँ आत्मिक शांति और साधना के लिए आते हैं।

देवभूमि का विशेष महत्व बताया

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लोग उनसे पूछते हैं कि उत्तराखंड में कितने देवस्थल हैं, तो वह उत्तर देते हैं कि यहां का हर स्थान देवस्थल है। हिमालय की वादियों, नदियों और जंगलों से घिरा उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखता है। उन्होंने कहा कि माउंट आबू में इस सम्मेलन में शामिल होना और इस मंच से जुड़ना उनके लिए एक सौभाग्य की बात है। यह एक ऐसा स्थान है, जहां केवल वे ही आ सकते हैं जिन पर बाबा की कृपा होती है।

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आध्यात्मिकता से जीवन में शांति का अनुभव

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि वह वर्षों से प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज के कार्यक्रमों में भाग लेते रहे हैं और माउंट आबू आने की उनकी मन में हमेशा इच्छा रही है। इस स्थान की आध्यात्मिक महत्ता और परमात्मा के आशीर्वाद का अनुभव उन्हें यहां बार-बार खींचता है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य मानवता, शांति और सद्भाव का संदेश फैलाना है, और यह संदेश आज भी विश्वभर में प्रासंगिक है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में आध्यात्मिकता की भूमिका को समझने के लिए वह यहाँ आए हैं।

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अध्यात्म से आंतरिक और बाहरी शुद्धता का सन्देश

मुख्यमंत्री ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के भारतीय जीवन दर्शन को उजागर करते हुए कहा कि जैसे तकनीक हमें भौतिक सुख देती है, वैसे ही आध्यात्मिकता हमें आंतरिक सुख प्रदान करती है। यह हमारे शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर जीवन में बदलाव लाती है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मकुमारीज के प्रयासों से आज करोड़ों लोग जीवन जीने की सरल कला सीख रहे हैं और इसे अपने जीवन में उतारकर एक स्वस्थ और स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।

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