‘हिंदुस्तान शिखर समागम’ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के विकास के लिए संकल्प जताया

देहरादून :- देहरादून स्थित मालसी के एक होटल में आयोजित ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सेवक के रूप में उनके द्वारा किए गए सभी निर्णय जनता की भावनाओं के अनुरूप हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि राज्य में समान नागरिक संहिता जल्द ही लागू की जाएगी, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में गंभीरता से कार्य कर रही है और किसी भी प्रकार के बदलाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ जारी कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने कानूनी प्रक्रिया के तहत अवैध अतिक्रमण को हटाने का काम निरंतर जारी रखा है।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में धर्मान्तरण विरोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में चल रहे प्रयासों का उल्लेख किया और बताया कि उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत राज्य में 3 लाख 54 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन स्थापित करते हुए विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां जी.ई.पी (ग्लोबल एनवायरमेंट प्रोटेक्शन) की शुरुआत की गई है, जो पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को राज्य की आर्थिकी की लाइफलाइन बताते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए यात्रा प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है, जिसमें यात्रा से जुड़े लोगों और स्टेक होल्डर्स के सुझाव भी लिए जा रहे हैं। अंत में, मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों के शहरों की धारण क्षमता का आकलन करने की बात की और कहा कि विकास योजनाएँ इसी के अनुसार बनाई जाएँगी।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुए काम कर रही है।

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