आखिर भाजपा की प्लानिंग क्या है…वसुंधरा राजे के विरोधी को ही दे दिया राज्यसभा का टिकट

जयपुर: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों काफी कुछ घट रहा है। हो ना हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बैकफुट पर जाती दिख रही हैं। अबकी बार भाजपा ने जिन घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा का टिकट दिया है, उनके साथ वसुंधरा राजे का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। तीन बार भाजपा के विधायक और दो बार मंत्री रहे तिवाड़ी ने राजे सरकार के दौरान तत्काल सीएम का विरोध किया था। बाद में पार्टी से नकारे जाने पर उन्होंने साल 2018 में भाजपा से त्यागपत्र दे दिया।
भले ही घनश्याम तिवाड़ी साल 2013 में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले भाजपा के विधायक थे। लेकिन वसुंधरा राजे का विरोध उन्हें पार्टी से दूर ले गया। बाद में उन्होंने दीनदयाल वाहिनी संगठन के बैनर तले भारत वाहिनी पार्टी का गठन किया। आलम ये रहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्हें जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से महज 16 हजार वोट प्राप्त हुए और करारी हार मिली। केवल वह ही नहीं पार्टी के और प्रत्याशी भी बुरी तरह से चुनाव हारे थे।
अब सबक लेकर साल 2019 में तिवाड़ी ने कांग्रेस ज्वाइन की लेकिन साल भर तक भी वह पार्टी के किसी कार्यक्रम या बैठक में नजर नहीं आए। फिर क्या था, घनश्याम तिवाड़ी ने साल 2020 में कांग्रेस को बाय बाय कहकर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। हालांकि, पार्टी में वे किसी भी पद पर नहीं है और भाजपा की ओर से होने वाले किसी भी कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने उनकी वरिष्ठता को सम्मान देते हुए राजस्थान से राज्यसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया है। वसुंधरा राजे और उनकी मुलाकात की तस्वीरें जरूर इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं लेकिन दोनों के बीच के विरोध के सुर अब भी हर किसी के जेहन में ताजा हैं।