अपने क्षेत्र से बनी पहली महिला लेफ्टिनेंट,ऐसी प्रेम कहानी किसी मिसाल से कम नहीं

नई दिल्ली: भारतीय महिला हमेशा से ही हौसले और दृढ़ संकल्प का परचम लहराती नजर आई है। एक ऐसी ही कहानी का पात्र और हौसले की मिसाल है रिगजिन शोरोल।


रिगजिन शोरोल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत हैं। उनकी सफलता की कहानी आज के युग में हर किसी के लिए एक मिसाल है। अपने इस सफर पर चलने से पहले उन के हाथों में उनके 11 माह का एक छोटा सा बच्चा पति की गुजरी कुछ यादें थी। तो अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने और पति के सपने को पूरा करने के लिए रिगजिन ने विपरीत परिस्थितियों से हार ना मानते हुए उनका डटकर सामना किया।


यूं तो कड़ी परिश्रम और लगन के साथ सेना में शामिल होने के लिए कई महिलाएं परीक्षा और ट्रेनिंग पास करती है लेकिन रिगजिन वह महिला हैं जिन्होंने अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए सेना में कदम रखा।
रिगजिन शोरोल के पति, रिगजिन खांडप, लद्दाख स्काउट्स की जेडांग सुंपा बटालियन में राइफलमैन के पद पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान रिगजिन खांडप शहीद हो गए थे जिसके बाद लद्दाख में रहने वाली उनकी पत्नी ने यह जिम्मेदारी उठाते हुए पति के सपने को पूरा करने की ठानी।


पति के निधन के वक्त शोरोल के पास उनके 11 महीने का एक छोटा बच्चा था जिसे देख कर उन्हें एहसास हुआ कि इसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें कोई न कोई कदम उठाना पड़ेगा। ऐसे में शोरोल ने सेना में शामिल होने का विचार किया और दिसंबर 2021 से अपने सफर की शुरुआत की। महीनों की इस तपस्या ने आखिर में शोरोल को लद्दाख की पहली महिला सैन्य अधिकारी बना ही दिया। अपनी सफलता की खुशी सभी से बांटते हुए शोरोल ने इसका श्रेय अपने पति को दिया। शोरोल की ये कहानी संघर्ष में भी सफलता का मार्ग खोज निकालने व बुलंद हौसले की मिसाल है।

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